है अधूरी जो किस्मत की रेखाए वो लकीरें तुम्हे बदलना होगा है अधूरी जो किस्मत की रेखाए वो लकीरें तुम्हे बदलना होगा
बस यही कर्मो का लेखा है। मैंने आहुुति बनकर देखा है। बस यही कर्मो का लेखा है। मैंने आहुुति बनकर देखा है।
जीवनचक्र की पहिया चलती जाए, भाग्य की रेखा बदलती जाए। जीवनचक्र की पहिया चलती जाए, भाग्य की रेखा बदलती जाए।
कहा अब मेरे संघर्ष की सीमा न रही, और धरती की गोद में समाने लगी। कहा अब मेरे संघर्ष की सीमा न रही, और धरती की गोद में समाने लगी।
सहेज कर रखती हूँ जिदंगी की किताब के लम्हे, कलम से टंकित करती हूँ। सहेज कर रखती हूँ जिदंगी की किताब के लम्हे, कलम से टंकित करती हूँ।
स्त्रियाँ अपनी तकलीफ़ किसी को नहीं बताती है। स्त्रियाँ अपनी तकलीफ़ किसी को नहीं बताती है।